विकास पचौरी मानव सेवा हेतु प्रयासरत हैं…. वह छोड़कर नहीं देकर जाना चाहते हैं ।

मध्य प्रदेश के विदिशा में रहने वाले विकास पचौरी अंतिम यात्रा हेतु शव वाहन स्वयं चला कर बीते वर्षों में 5700 से अधिक पार्थिव शरीरों की सम्मानजनक नि:शुल्क विदाई कर चुके हैं , लावारिस पार्थिव शरीरों के अलावा असहाय असमर्थ एवं संपन्न परिवारों के पार्थिव शरीरों को प्रतिदिन मुक्तिधाम ले जाना या दूरदराज क्षेत्र में विदा करना विकास पचौरी की नियमित दिनचर्या है ।

विकास पचौरी ने स्वयं के खर्चे पर 18 वर्ष से अधिक के 2 लाख 52 हजार व्यक्तियों का नि:शुल्क ब्लड ग्रुप चेक करके परिचय कार्ड बना कर देने का एक विश्व रिकॉर्ड कायम किया है एवं इन्हीं व्यक्तियों की लिस्ट भी बनाई है जो कि इसी वेबसाइट पर नि:शुल्क उपलब्ध है ।

विकास पचौरी स्वयं मृत्यु उपरांत देहदान का संकल्प ले चुके हैं एवं इन्होंने अभी तक लगभग 2800 व्यक्तियों को नेत्रदान एवं देहदान का संकल्प दिलाया है इन्हीं में 252 व्यक्तियों की मृत्यु होने पर उनके पार्थिव शरीर का देहदान -नेत्रदान संभव हो सका है ।

विकास पचौरी ने शेरपुरा विदिशा में एक सेवाघर बनाया है जिसमें असहाय असमर्थ परिवारों को नि:शुल्क अंतिम संस्कार सामग्री , मरीज इलाज उपकरण , पुराने लेकिन पहनने योग्य वस्त्र नि:शुल्क दिए जाते हैं ।

विकास पचौरी द्वारा समाज सेवा विषय पर लगातार 101 घंटे बोलकर विश्व रिकॉर्ड भी बनाया है इस अवधि में इन्होंने नेत्रदान,देहदान एवं रक्तदान से जुड़ी हुई भ्रांतियों को विस्तार से समझाया था ।

विकास पचौरी को इनके द्वारा किए गए मानव सेवा कार्यों के चलते दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी द्वारा प्रोत्साहित किया गया है.